Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jul 2024 · 1 min read

सावन

प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार
काले बादल खुश हो होकर ,बरसाते जलधार

जुड़ी सदा आंगन से रहती,मां बाबुल की याद
बचपन की सखियों से मिलकर,हो जाता मन शाद
खींच बेटियों को लाता है, ये मैके का प्यार
प्यारा सावन लेकर आता,अपने साथ बहार

खूब रोपते धान खेत में, बारिश देख किसान
जंगल वृक्ष उद्यान पहनते, हरे -भरे परिधान
बागों में झूलों पर गूंजे, है कजरी मल्हार
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार

कावण लेकर बम बम बम का,भक्त करें उद्घोष
खुल जाता है शिव गौरा की, कृपा दृष्टि का कोष
शिव भक्तों को प्रभू भक्ति का, मिलता है उपहार
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार

विरह अग्नि में जलते मन को, देता है ये आस
आयेंगे साजन फिर मिलने, जगता है विश्वास
खड़ी द्वार पर रहती सजनी,कर सोलह श्रृंगार
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार

पकड़े रहता है ये कसकर, रिश्तों की हर डोर
अलग नहीं होने देता है,थामे रहता छोर
रेशम के कच्चे धागों से, बँध जाता परिवार
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार

डॉ अर्चना गुप्ता
23.07.2024

Language: Hindi
1 Like · 77 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Archana Gupta
View all
You may also like:
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
बंधन खुलने दो(An Erotic Poem)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
दोहावली
दोहावली
आर.एस. 'प्रीतम'
4141.💐 *पूर्णिका* 💐
4141.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बर्षो बीते पर भी मन से,
बर्षो बीते पर भी मन से,
TAMANNA BILASPURI
शीर्षक – निर्णय
शीर्षक – निर्णय
Sonam Puneet Dubey
📚पुस्तक📚
📚पुस्तक📚
Dr. Vaishali Verma
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक,  तूँ  है
'आप ' से ज़ब तुम, तड़ाक, तूँ है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
मिजाज मेरे गांव की....
मिजाज मेरे गांव की....
Awadhesh Kumar Singh
हाथ पसारने का दिन ना आए
हाथ पसारने का दिन ना आए
Paras Nath Jha
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
आज की पंक्तिजन्म जन्म का साथ
कार्तिक नितिन शर्मा
सामाजिक रिवाज
सामाजिक रिवाज
अनिल "आदर्श"
जय भोलेनाथ ।
जय भोलेनाथ ।
Anil Mishra Prahari
इतने failures के बाद भी अगर तुमने हार नहीं मानी है न,
इतने failures के बाद भी अगर तुमने हार नहीं मानी है न,
पूर्वार्थ
"विश्ववन्दनीय"
Dr. Kishan tandon kranti
My Guardian Angel!
My Guardian Angel!
R. H. SRIDEVI
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
मैं नहीं, तू ख़ुश रहीं !
The_dk_poetry
മണം.
മണം.
Heera S
कल तो निर्मम काल है ,
कल तो निर्मम काल है ,
sushil sarna
42 °C
42 °C
शेखर सिंह
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
निरुद्देश्य जीवन भी कोई जीवन होता है ।
ओनिका सेतिया 'अनु '
यायावर
यायावर
Satish Srijan
इतना रोई कलम
इतना रोई कलम
Dhirendra Singh
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
*बहुत जरूरी बूढ़ेपन में, प्रियतम साथ तुम्हारा (गीत)*
Ravi Prakash
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सदा प्रसन्न रहें जीवन में, ईश्वर का हो साथ।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुम्हारे लिए
तुम्हारे लिए
हिमांशु Kulshrestha
जब प्यार है
जब प्यार है
surenderpal vaidya
"अकेलापन"
Pushpraj Anant
"अनपढ़ी किताब सा है जीवन ,
Neeraj kumar Soni
🙅धूल-महिमा🙅
🙅धूल-महिमा🙅
*प्रणय प्रभात*
पृथ्वी दिवस
पृथ्वी दिवस
Bodhisatva kastooriya
Loading...