सावन
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार
काले बादल खुश हो होकर ,बरसाते जलधार
जुड़ी सदा आंगन से रहती,मां बाबुल की याद
बचपन की सखियों से मिलकर,हो जाता मन शाद
खींच बेटियों को लाता है, ये मैके का प्यार
प्यारा सावन लेकर आता,अपने साथ बहार
खूब रोपते धान खेत में, बारिश देख किसान
जंगल वृक्ष उद्यान पहनते, हरे -भरे परिधान
बागों में झूलों पर गूंजे, है कजरी मल्हार
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार
कावण लेकर बम बम बम का,भक्त करें उद्घोष
खुल जाता है शिव गौरा की, कृपा दृष्टि का कोष
शिव भक्तों को प्रभू भक्ति का, मिलता है उपहार
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार
विरह अग्नि में जलते मन को, देता है ये आस
आयेंगे साजन फिर मिलने, जगता है विश्वास
खड़ी द्वार पर रहती सजनी,कर सोलह श्रृंगार
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार
पकड़े रहता है ये कसकर, रिश्तों की हर डोर
अलग नहीं होने देता है,थामे रहता छोर
रेशम के कच्चे धागों से, बँध जाता परिवार
प्यारा सावन लेकर आता ,अपने साथ बहार
डॉ अर्चना गुप्ता
23.07.2024