सावन
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
* सावन *
सावन मा मोहरा हिय रा हिलोरा
पिया तुम आ जाओ ।।
दिल धक धक करे महारो घनघोरा
पिया तुम आ जाओ ।।
पीहू पीहू की टेर लगावा हे रामा रे
पिया तुम आ जाओ ।।
सगरे जगत को रोज़ सतावा हे रामा
पिया तुम आ जाओ ।।
अब हम से रहा नही जाए सुनी का
पिया तुम आ जाओ ।।