Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Aug 2021 · 1 min read

*सावन मनुहार-!

लागे सावन मनुहार सुहावन
मेघा अम्बर छाये
घनघोर घटा सावन की बदरी
अधखिली धूप मुस्क्राये
कर वसुधा श्रंगार
तृण हरित धरा छितराये
जल नाल कुमुद फूले पोखर
चहुं ओर कली मुस्क्राराये
देख प्रकृति की अजब छटा
चित बार बार मनहर जाये
डाल डाल पर पड़े हिंडोला
कोइ गीत विरहणी गाये
बारी बारी झूले सखियां
गीत मांगलिक गायें
गूँज रहे हैं राग प्रीति के
सावन के दिन आये
लागे सावन मनुहार सुहावन
मेघा अम्बर छाये
घनघोर घटा सावन की बदरी
अधखिली धूप मुस्क्राये

(शरद कुमार पाठक)
डिस्टिक -( हरदोई)
(उत्तर प्रदेश)

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 448 Views

You may also like these posts

सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
सफ़र में लाख़ मुश्किल हो मगर रोया नहीं करते
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*बदकिस्मत थे, जेल हो गई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
*बदकिस्मत थे, जेल हो गई 【हिंदी गजल/गीतिका】*
Ravi Prakash
"Radiance of Purity"
Manisha Manjari
■ आज का विचार बिंदु ;
■ आज का विचार बिंदु ; "बुद्धिमता"
*प्रणय*
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
नव प्रस्तारित सवैया : भनज सवैया
Sushila joshi
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
ग़म बहुत है दिल में मगर खुलासा नहीं होने देता हूंI
शिव प्रताप लोधी
निहरलS पेट आपन, दोसरा के ख्याल ना कइलS
निहरलS पेट आपन, दोसरा के ख्याल ना कइलS
अवध किशोर 'अवधू'
Quote
Quote
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
*
*"नरसिंह अवतार"*
Shashi kala vyas
सोने की चिड़िया
सोने की चिड़िया
Bodhisatva kastooriya
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
मधुशाला में लोग मदहोश नजर क्यों आते हैं
डॉ. दीपक बवेजा
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
We Mature With
We Mature With
पूर्वार्थ
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
5 दोहे- वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई पर केंद्रित
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
"ग से गमला"
Dr. Kishan tandon kranti
प्रोटोकॉल
प्रोटोकॉल
Dr. Pradeep Kumar Sharma
The new normal- Amidst the Pandemic
The new normal- Amidst the Pandemic
Deep Shikha
डर किस बात का है तुझे,
डर किस बात का है तुझे,
श्याम सांवरा
पत्नी के डबल रोल
पत्नी के डबल रोल
Slok maurya "umang"
दोहा पंचक. . . . .
दोहा पंचक. . . . .
sushil sarna
यही रात अंतिम यही रात भारी।
यही रात अंतिम यही रात भारी।
Kumar Kalhans
हम जानते हैं - दीपक नीलपदम्
हम जानते हैं - दीपक नीलपदम्
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
दहलीज़
दहलीज़
Dr. Bharati Varma Bourai
चालाकी कहां मिलती है मुझे भी बता दो,
चालाकी कहां मिलती है मुझे भी बता दो,
Shubham Pandey (S P)
अंगूठी
अंगूठी
seema sharma
शिक्षित लोग
शिक्षित लोग
Raju Gajbhiye
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
رام کے نام کی سب کو یہ دہائی دینگے
अरशद रसूल बदायूंनी
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
पितृ हमारे अदृश्य शुभचिंतक..
Harminder Kaur
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
हे कहाँ मुश्किलें खुद की
Swami Ganganiya
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
छठ व्रत की शुभकामनाएँ।
Anil Mishra Prahari
Loading...