सावन भावन
सुंदर पावस के दिन आये
उमड़ घुमड कर पर्वत जैसे
नभ में बादल छाए,
सुंदर पावस के दिन आये।
रिम झिम बूँदे छनती पत्तों से
पक्षी पंख रहे फरकाए
मुदित कृषक खेतो में दिखते
बच्चे छप छप करें नहाए।
भीग रहे हैं पथिक राह में
हरियाली हर ओर दिखाए
पपिहा तृप्त कूंजती केकी
मोर दिखे पंख फैलाए।।
धरती स्मित करती है
सुंदर पावस के दिन आये।
इंद्र धनुष रंगीन दिख रहा,
दृश्य बच्चों के मन भाए।।
सुंदर पावस के दिन आये।
गली गली में नदी बह रही
बच्चे कागज की नाव चलाए,
विन्ध्य प्रकाश मिश्र #विप्र