सावन की ठंडी ठंडी बहारों की बात कर।
221…….2122…….1221…….212
सावन की ठंडी ठंडी बहारों की बात कर।
दिल भीग जाये ऐसी फुहारों की बात कर।
ये इश्क विश्क छोड़ जमीं और ये जहाँ,
तू चांद आसमां व सितारों की बात कर।
जो जिंदगी में की हैं वफाओं की बात कर।
जो प्यार से भरी हैं अदाओं की बात कर।
औरों मेंं क्या कमीं है गिनाना तू छोड़ दे,
तूने किए हैं जो वो गुनाहों की बात कर।
माँ बाप से मिला जो वही सच्चा ज्ञान है,
बेकार छोड़ अब न किताबों की बात कर।
सर पे लिया है बाँध कफन अब है डर कहाँ,
अब डूब जा भले न किनारों की बात कर।
ये फिल्म और टीवी सिनेमा हैं सब फिजूल,
दादी औ नानी की तू कहानी की बात कर।
जिंदा दिली को बांध के रखिए सदा जनाब,
हो शूरवीर तीर कटारों की बात कर।
पी पी के थक गया हूँ अब होता नहीं असर,
आ जामे इश्क ला दे तू आखों से बात कर।
तुम जिंदगी मे आये मेरे फूल खिल गये,
ये है खुशी कि फिर से बहारों की बात कर।
वो छोड़ कर गया था मुझे क्यों पता नहीं,
जो दे गया है जख्म उन घावों की बात कर।
बस में न कर सकी है मुझे कोई भी नजर,
‘प्रेमी’ चला जो तीरे निगाहों की बात कर।
…….✍️ प्रेमी