सावन आया झूम के …..!!!
गाँवों की बारिश,
उफनती नदियाँ,
पानी से भरे खेत,
बहते जीव – जन्तु ,
टपकते, सरकते छप्पर,
बेघर – बेबस परिवार,
बदहाल किसान,
बाढ़ का साम्राज्य,
सावन आया झूम के !
शहरों की बरसात,
बंद नाले – नालियाँ,
सड़कों पर पानी,
कीचड़ सनी गलियाँ,
उड़ते मक्खी – मच्छर,
घरों में बंद इंसान,
बीमारी का साम्राज्य,
सावन आया झूम के !
साहित्य की बरखा,
घिरती श्यामल घटाऐं,
चमकती बिजुरिया,
कोयल, मोर, पपीहा,
कहीं इन्द्रधनुष के रंग,
विरह कहीं, कहीं मिलन,
अनंत प्रेम – गाथाऐं,
भावनाओं का साम्राज्य,
सावन आया झूम के !
रचनाकार :- कंचन खन्ना,
मुरादाबाद, (उ०प्र०, भारत) ।
सर्वाधिकार, सुरक्षित (रचनाकार)।
दिनांक :- १२/०७/२०२०.