Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2024 · 1 min read

“सार”

“सार”
पढ़ो लिखो आगे बढ़ो
रखो जीवन का मान,
ज्ञान बगैर यह जीवन
बन जाता श्मशान।

3 Likes · 3 Comments · 156 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all
You may also like:
✍️ कलम हूं ✍️
✍️ कलम हूं ✍️
राधेश्याम "रागी"
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
लोग टूट जाते हैं अपनों को मनाने में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
परिणति
परिणति
Shyam Sundar Subramanian
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
ये ढलती शाम है जो, रुमानी और होगी।
सत्य कुमार प्रेमी
टुकड़ों-टुकड़ों में बॅंटी है दोस्ती...
टुकड़ों-टुकड़ों में बॅंटी है दोस्ती...
Ajit Kumar "Karn"
भारत
भारत
Shashi Mahajan
"जलने के बाद"
Dr. Kishan tandon kranti
ख़ुद की खोज
ख़ुद की खोज
Surinder blackpen
रास्तों पर चलने वालों को ही,
रास्तों पर चलने वालों को ही,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
दुःख  से
दुःख से
Shweta Soni
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
कुछ लोग रिश्ते में व्यवसायी होते हैं,
Vindhya Prakash Mishra
मौत बाटे अटल
मौत बाटे अटल
आकाश महेशपुरी
*झूठा  बिकता यूँ अख़बार है*
*झूठा बिकता यूँ अख़बार है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
कुछ खामोशियाँ तुम ले आना।
Manisha Manjari
इस ज़िंदगी  में जो जरा आगे निकल गए
इस ज़िंदगी में जो जरा आगे निकल गए
Dr Archana Gupta
👍👍
👍👍
*प्रणय*
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
Dr Tabassum Jahan
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
कंधे पे अपने मेरा सर रहने दीजिए
rkchaudhary2012
शुभकामना
शुभकामना
DrLakshman Jha Parimal
खिला है
खिला है
surenderpal vaidya
हमारी मां हमारी शक्ति ( मातृ दिवस पर विशेष)
हमारी मां हमारी शक्ति ( मातृ दिवस पर विशेष)
ओनिका सेतिया 'अनु '
दौड़ी जाती जिंदगी,
दौड़ी जाती जिंदगी,
sushil sarna
अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं
अत्यधिक खुशी और अत्यधिक गम दोनो अवस्थाएं इंसान के नींद को भं
Rj Anand Prajapati
4296.💐 *पूर्णिका* 💐
4296.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
चलते चलते थक गया, मन का एक फकीर।
चलते चलते थक गया, मन का एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
आजादी  भी अनुशासित हो।
आजादी भी अनुशासित हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
If he could do it, so can you.
If he could do it, so can you.
पूर्वार्थ
रामपुर का किला : जिसके दरवाजे हमने कभी बंद होते नहीं देखे*
रामपुर का किला : जिसके दरवाजे हमने कभी बंद होते नहीं देखे*
Ravi Prakash
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
लब पे खामोशियों के पहरे थे।
Dr fauzia Naseem shad
पीछे मुड़कर
पीछे मुड़कर
Davina Amar Thakral
Loading...