सारे निशां मिटा देते हैं।
जख्म देकर खुद ही मरहम लगा देते हैं।
ऐसे गुनाह करके वो सारे निशां मिटा देते हैं।।
गंदगी से दिल उनका बड़ा अफरोज है।
पर वुजू से खुद को पाक साफ बना लेते हैं।।
कह कर तो देखो अपनी मुसीबत उससे।
यूं खुदा वाले दुआओं से शिफा दिला देते हैं।।
मना करता हूं मत करो मोहब्बत हमसे।
पर वह है कि सबको नजरों से जता देते हैं।।
आबरू को सदा अपनी जां समझते हैं।
इज्जत गिरने से पहले जो सर कटा लेते हैं।।
क्या फायदा ऐसे सवाब करने का यारों।
जो मदद करने के बाद इसको जता देते है।।
ताज मोहम्मद
लखनऊ