“सारा का सारा देकर”
सारा का सारा देकर,
थोड़ा सा पाया मैंनें।
कितने सपने वारे तुम पर,
फिर कुछ पाया मैंनें।
साँसों के अनगिनते क्षण,
जीये हैं बस तेरे खातिर।
सारा का सारा देकर,
थोड़ा सा पाया मैंनें।
कितने अपने त्यागे तुम पर,
फिर कुछ चाहा मैंनें।
सपनों के अनगिनते सुमन,
बोये हैं बस तेरे खातिर।
सारा का सारा देकर ,
थोड़ा सा पाया मैंनें।
©निधि…