Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Aug 2023 · 1 min read

#सामयिक_कविता

#सामयिक_कविता
■ क्या कहें किस से कहें?
【प्रणय प्रभात】
बोझ से रिश्ते हैं दिल पे भार है।
चैन से जीना बहुत दुश्वार है।।
घर के अंदर साँप और सीढ़ी का खेल।
इक चढ़ाता दूसरा देता धकेल।।
सीढ़ियों साँपों में भी गठजोड़ है।
राह में दो-चार पग पर मोड़ है।।
दिन में अमृत रात वो लगता गरल।
हर पहेली नित्य हो जाती सरल।।
ग्रंथियों का विष उजागर हो रहा।
कष्ट जो नाला था सागर हो रहा।।
छिद्र छल के सामने आने लगे।
गाते-गाते स्वप्न चिल्लाने लगे।।
दोगलापन सोच पर हावी हुआ।
आज जैसा कष्टप्रद भावी हुआ।।
धूप अमराई में आने लग गई।
अपनी परछाई डराने लग गई।।
मंथरा के मुख कुटिल मुस्कान है।
फिर से होने को अवध वीरान है।।
मूल्य नैतिकता न कोई लाज है।
जितना विकृत कल नहीं था आज है।।
रक्त-रंजित आस्था की देह है।
छटपटाता दम्भ नीचे नेह है।।
काहे का घर एक कारागार है।
छत के नीचे मौन हर दीवार है।।
हर कोई विष-बेल देखो बो रहा।
क्या कहें किससे कहें क्या हो रहा?
(शेष फिर कभी)
●संपादक/न्यूज़&व्यूज़●
श्योपुर (मध्यप्रदेश)

1 Like · 183 Views

You may also like these posts

In today's digital age, cybersecurity has become a critical
In today's digital age, cybersecurity has become a critical
bandi tharun
तेरा प्यार भुला न सके
तेरा प्यार भुला न सके
Jyoti Roshni
* याद कर लें *
* याद कर लें *
surenderpal vaidya
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
उसे अंधेरे का खौफ है इतना कि चाँद को भी सूरज कह दिया।
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
*अज्ञानी की कलम*
*अज्ञानी की कलम*
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
"झूठे लोग "
Yogendra Chaturwedi
विचार, संस्कार और रस [ एक ]
विचार, संस्कार और रस [ एक ]
कवि रमेशराज
🙅सीधी बात🙅
🙅सीधी बात🙅
*प्रणय*
पलकों ने बहुत समझाया पर ये आंख नहीं मानी।
पलकों ने बहुत समझाया पर ये आंख नहीं मानी।
Rj Anand Prajapati
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
सुंदरता अपने ढंग से सभी में होती है साहब
शेखर सिंह
आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी
आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी
Abasaheb Sarjerao Mhaske
“बधाई और शुभकामना”
“बधाई और शुभकामना”
DrLakshman Jha Parimal
कामना-ऐ-इश्क़...!!
कामना-ऐ-इश्क़...!!
Ravi Betulwala
चमन यह अपना, वतन यह अपना
चमन यह अपना, वतन यह अपना
gurudeenverma198
#आज केसरी होली है
#आज केसरी होली है
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कभी शांत कभी नटखट
कभी शांत कभी नटखट
Neelam Sharma
"हमें तो देखना है"
Dr. Kishan tandon kranti
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
पुराना साल जाथे नया साल आथे ll
Ranjeet kumar patre
माहिया - डी के निवातिया
माहिया - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
युद्ध लड़ेंगें जीवन का
युद्ध लड़ेंगें जीवन का
Shweta Soni
*रामपुर रियासत का प्राचीन इतिहास*
*रामपुर रियासत का प्राचीन इतिहास*
Ravi Prakash
कुछ खास दिलों को
कुछ खास दिलों को
shabina. Naaz
सपनों पर इंसान का,
सपनों पर इंसान का,
sushil sarna
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
आव्हान
आव्हान
Shyam Sundar Subramanian
आज कल लोगों को बताओ तब उनको पता लगता है कुछ हुआ है।
आज कल लोगों को बताओ तब उनको पता लगता है कुछ हुआ है।
पूर्वार्थ
पुकार!
पुकार!
कविता झा ‘गीत’
परिणाम से डरो नहीं
परिणाम से डरो नहीं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
जब हक़ीक़त झूठ से टकरा गयी…!
पंकज परिंदा
Loading...