Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Oct 2023 · 1 min read

#आज केसरी होली है

★ #आज केसरी होली है ★

आज केसरी होली है
मनभाते अब खेलो खेल
आज बड़ा सुभीता है

लेकिन उससे मत कहना
बच्चे भूखे हैं जिसके
जो खून के आंसू पीता है

आज केसरी होली है . . . . .

रेल चलेगी बंदूक की गोली
मिल-बैठ बतियाएंगे सब यार
हमने दुनिया को जीता है

उससे थोड़ा बचके निकलना
जिसके काँधे पत्नी का शव
युगों-सा इक-इक कोस जिसका बीता है

आज केसरी होली है . . . . .

घर-घर में शौच का आलय
सुअवसर दूर-दूर बतियाने का
खीसे खोंसा बैंक मीठा-मीठा चुभीता है

उनको भी भर देंगे सपनों से
जिनके सिरों पर छत नहीं
जिनका खाता रीता है

आज केसरी होली है . . . . .

हे माता हे माँ भारती
तेरा जाया तेरी बोली भूल गया
फिर भी जगता है और जीता है

छाती तेरी हग-हग के भर दी
खावे है अब यूरिया
बोतल का पानी पीता है

आज केसरी होली है . . . . .

लुटेरों के मानस-पुत्र सब खेत रहे
अब हम हैं हमारे अपने हैं
रण-क्षेत्र में अब कोई भालू है न चीता है

बुलबुल नहीं न चिड़िया हैं हम
नए यार बतावेंगे जग को
हम आम हैं या कि पपीता हैं

आज केसरी होली है . . . . . !

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०-१७३१२

Language: Hindi
68 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)*
*तीजा दसवॉं तेरहीं, सब मन के बहलाव (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
कबीर एवं तुलसीदास संतवाणी
Khaimsingh Saini
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
Stop getting distracted by things that have nothing to do wi
पूर्वार्थ
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
‘ विरोधरस ‘---11. || विरोध-रस का आलंबनगत संचारी भाव || +रमेशराज
कवि रमेशराज
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
वह बरगद की छाया न जाने कहाॅ॑ खो गई
VINOD CHAUHAN
Midnight success
Midnight success
Bidyadhar Mantry
व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर
व्यक्तित्व और व्यवहार हमारी धरोहर
लोकेश शर्मा 'अवस्थी'
उसकी दहलीज पर
उसकी दहलीज पर
Satish Srijan
जीवन से तम को दूर करो
जीवन से तम को दूर करो
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
आप नौसेखिए ही रहेंगे
आप नौसेखिए ही रहेंगे
Lakhan Yadav
■ हम हों गए कामयाब चाँद पर...
■ हम हों गए कामयाब चाँद पर...
*Author प्रणय प्रभात*
Sometimes you have to
Sometimes you have to
Prachi Verma
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
तलाशी लेकर मेरे हाथों की क्या पा लोगे तुम
शेखर सिंह
जल संरक्षण बहुमूल्य
जल संरक्षण बहुमूल्य
Buddha Prakash
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
ये जो मुहब्बत लुका छिपी की नहीं निभेगी तुम्हारी मुझसे।
सत्य कुमार प्रेमी
मै अकेला न था राह था साथ मे
मै अकेला न था राह था साथ मे
Vindhya Prakash Mishra
"कंचे का खेल"
Dr. Kishan tandon kranti
हम कहाँ जा रहे हैं...
हम कहाँ जा रहे हैं...
Radhakishan R. Mundhra
नदी का किनारा ।
नदी का किनारा ।
Kuldeep mishra (KD)
धरती का बेटा
धरती का बेटा
Prakash Chandra
मजदूर
मजदूर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
शुद्धिकरण
शुद्धिकरण
Kanchan Khanna
23/130.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/130.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
मैं कभी किसी के इश्क़ में गिरफ़्तार नहीं हो सकता
Manoj Mahato
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
🇭🇺 श्रीयुत अटल बिहारी जी
Pt. Brajesh Kumar Nayak
ढूंढें .....!
ढूंढें .....!
Sangeeta Beniwal
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
ज़िंदगी चाहती है जाने क्या
Shweta Soni
दहेज ना लेंगे
दहेज ना लेंगे
भरत कुमार सोलंकी
काले समय का सवेरा ।
काले समय का सवेरा ।
Nishant prakhar
आह और वाह
आह और वाह
ओनिका सेतिया 'अनु '
Loading...