सानिध्य आपका
आप करीब रहो या कोसों दूर रहो
बस स्वस्थ रहो सानंद रहो
मन में हर पल उत्साह रहे
होंठों पर स्मित मन्द रहे
खुशियाँ राहों में बिछ जाए
जीवन में हर पल खुशहाली हो
दिन ईद रात दीपावली हो
दूरियां हमारी खत्म हो जाये
कहिये ज़नाब कब तल्क शकुंतला को
मिलेगा सुमुखि सान्निध्य आपका
©®@शकुंतला
अयोध्या(फैज़ाबाद)