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31 Jul 2018 · 1 min read

#ग़ज़ल-41

मीटर-212 212 212 212

साथ तेरा मिले जीत लूँ हर ख़ुशी
है तुझी से हँसी ज़िंदगी तर ख़ुशी/1

राह में फूल हों साथ तू जो चले
रास आए तुझे प्यार की गर ख़ुशी/2

चाँदनी रात-सी बात तेरी लगें
यार आए जहाँ हों उसी दर ख़ुशी/3

देखके मैं तुझे भूलता यार ग़म
फूल से चेहरे में छिपी पर ख़ुशी/4

भूल से ही सही यार कह तू ज़रा
पल उसी में मिले ज़िंदगी भर ख़ुशी/5

प्रीत प्रीतम करे हीर-राँझे लगी
जो सुने बस मिले याद कर नर ख़ुशी/6

आर.एस. “प्रीतम”

1 Like · 306 Views
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