साथी तेरा साथ
पल भर को भी तेरी यादें, विस्मृत हों न मन से,
साथी तेरा साथ है प्यारा, हमको तो जीवन से !
पतझर से विराने मेरे,
मन में छायी मत्त बहार।
रेत भरे रेतीले मरु पर,
जैसे बरस पड़े जलधार !
सपनों का सौदा होता है, सारी रात नयन से,
साथी तेरा साथ है प्यारा, हमको तो जीवन से ।।1।।
सोना और सुहागा दोनों,
सचमुच साथ सुहाते हैं।
सच्चे प्रेमी ही जीवन में,
सच्चा साथ निभाते हैं।
बाती जल जाती है लिपटे, दीये के ही तन से,
साथी तेरा साथ है प्यारा, हमको तो जीवन से ।। 2।।
साथी साथ तुम्हारा जैसे,
साँस -हृदय का नाता !
तेरी एक झलक पाकर,
जनम जनम जी जाता !
देंगे प्राण त्याग मीन सा, तड़प तड़प के तन से,
साथी तेरा साथ है प्यारा, हमको तो जीवन से ।। 3।।
तेरी चाहत के सजदे में,
हमने रब को पाया है।
चाँद बना नूरानी चेहरा,
नूर क्षितिज में छाया है।
मन के मन्दिर में पूजा है, धूप दीप ‘चन्दन’ से,
साथी तेरा साथ है प्यारा, हमको तो जीवन से ।। 4।।
-चन्दन कुमार ‘मानवधर्मी’
आजमगढ़, उत्तर प्रदेश।