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11 Dec 2021 · 3 min read

साक्षात्कार

एक साक्षात्कार प्रिय सखी मनोरमा जी के साथ
10/12/2021

प्रश्न 1 आपके नाम का सही मतलब क्या है जी?
मनोरमा –मेरे नाम का सरल सहज अर्थ है मन में रमने वाली। मन:+रमा =मनोरमा

प्रश्न 2 आपको पाखी नाम किसने दीया और क्यों?
मनोरमा:–पाखी ,’मन’ की उड़ान का नाम है।वैसे पाखी का अर्थ पक्षी भी होता है।जिसकी उड़ान आसमान में और पैर जमीन पर टिके रहते हैं। वैसे माँ का आशीष है यह नाम पाखी

प्रश्न 3 आपका जन्मस्थान और ससुराल किस प्रदेश में है?
मनोरमा:-जन्मस्थान और ससुराल दोनों ही मध्यप्रदेश में हैं।

प्रश्न 4आपका यह प्रदेश सामान्यतः किन किन बातों के लिए प्रसिद्ध है ?
मनोरमा :-धार्मिक आध्यात्मिक मंदिरों और उनकी शिल्प कला हेतु । साक्षरता 70% है प्रथम स्थान पर जबलपुर है जहाँ साक्षरता 82% है।

प्रश्न 5 मनोरमा जी आपने अपनी शिक्षा कहाँ तक पाई है और अपनी शिक्षा से कहाँ तक संतुष्ट हैं?

मनोरमा:–शिक्षा का कोई मापदंड नहीं होता। व्यक्ति जन्म से मरण तक सीखता ही रहता है। लौकिक शिक्षा एम.ए.हिन्दी तक है।आज उसी शिक्षा के कारण मैं अपना वजूद पहिचान सकी हूँ। और पूरी तरह संतुष्ट हूँ। पर बदलते दौर के साथ आज वह अपर्याप्त है।

प्रश्न 6 साहित्य में रुचि कब से पैदा हुई?
मनोरमा:- रुचि पैदा होना सप्रयास होता है और स्वतः रुचि होना जन्मजात। स्कूली दिनों से ही लिखने लगी थी।पर तब शौक था अब पेशन।

प्रश्न 7 जिंदगी को जीतने भी करीब से देखा है उसे व्यक्त करें और जिंदगी के बारे में अपना दृष्टिकोण बतायें?
मनोरमा:–जिंदगी हर पल देने का नाम है ,भलाई का नाम है और जो आप ने अर्जित किया है वह किसी अन्य को सिखाना कला को हस्तांतरित करना है। पर आज कल लोग मित्रता का मुखौटा ओढ़ कर दूसरों की भावनाओं से खिलबाड़ करते हैं और कुछ इन भावनाओं का सहारा लेकर नमक मिर्च लगा कर दो मित्रों के बीच खाई गहरी करते हैं।मुझे अपनी जिंदगी में ऐसे लोग नहीं चाहिये। चाहे वह खास दोस्त का नकाब ही क्यों न लगाये हों।

प्रश्न 8 जिंदगी का ऐसा हिस्सा जिसने आपको अंदर तक झकझोर दिया किया था।
मनोरमा:-हिस्सा ?शायद किस्सा जानना चाहती हैं तो इस प्रश्न का कोई उत्तर नहीं देना चाहूँगी।वक्त स्वयं जबाव देगा।

प्रश्न 9 इसके बाद आपका अपना क्या फैसला था।
मनोरमा:-माफ करने से बड़ा और शुद्ध फैसला कोई नहीं। ऐसा नहीं कि हालातों का असर नहीं होता।पर माफ करना भी बहुत बड़ी बात होती है।

प्रश्न 10 अपने व्यक्तित्व की कुछ विशेषताओं से अवगत कराएं ?
मनोरमा:–यह आप अच्छे से जानती हैं पर लगता है अब अपने बारे में बोलना होगा ।मुझे लोगों की मदद करना,विश्वास करना, और अपनी जुबाँ की कीमत पता है।किसी के साथ विश्वासघात करना न तो पसंद है और न किसी का सह सकती हूँ।कभी कभी क्रोध भी आता है पर सत्य पता चलते ही उतना जल्दी उतर भी जाता है।अपने काम से प्यार है और पढ़ना -लिखना मेरा जुनून।

प्रश्न 11 समाज के बारे में आपके विचार क्या है?
मनोरमा:-समाज से व्यक्ति का अस्तित्व है समाज हीन व्यक्ति रीढ़ बिना शरीर होता है। समाज हमसे बना है।अगर समाज में कमी हैं तो उसकी नैतिक जिम्मेदारी हम सब पर ही है।

प्रश्न 12 नवांकुरों के लिए कोई सन्देश देना चाहेंगी।
मनोरमा:-मैं स्वयं नवांकुर हूँ ।फिर भी आपने पूछा है तो सिर्फ एक बात।किसी पर भी इतना विश्वास न करो कि वह.घात कर बैठे।स्वयं पर भरोसा रखो और चल पड़ो।

प्रश्न 13 फेसबुक ग्रुप्स के विषय मैं आपकी राय जानना चाहूँगी।
मनोरमा :–फेसग्रुप्स समूह अब अहम् का प्रतीक बन गये हैं। दूसरों को नीचा दिखाने का नेटवर्किंग तरीका।जिस उद्देश्य से हमने अपना समूह बनाया था वह उद्देश्य दूसरों के षडयंत्र का हिस्सा बनने लगा है। जबकि अगर साहित्य हित हेतु यह समूह बने हैं तो परस्पर सहयोग की भावना क्यों नहीं हैं?दूसरों को पाँव खींच कर गिराना जितना आसान है ,बदनाम करना सरल है उससे कहीं कठिन है मदद करना। हम जब जिसको मदद की जरुरत होगी ,भरसक कोशिश करूँगी मदद की।पर इंसान हूँ तो स्वाभाविक रुप से कुछ कमजोरियाँ भी हैं ..।

Language: Hindi
Tag: लेख
215 Views
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