Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2024 · 4 min read

साक्षात्कार- पीयूष गोयल-१७ पुस्तकों को हाथ से लिखने वाले

साक्षात्कार

काम को अच्छी तरह करने के लिए उस में रस लेना चहिए और काम में रस आए इसके लिए काम आप की पसंद का होना चाहिए।जिन लोगों ने राष्ट्र, संस्कृति जैसे निर्माण के बड़े बडे़ काम किए है वे सभी तत्पर और जागृत कार्यकर्त्ता थे।जय जय कार के फेर में न पड़ कर अच्छे फल के लिए कोशिश करते रहें। पीयूष गोयल एक ऐसे किरदार है जो एक ख़ास तरह की कला के जरिए देश विदेश में नाम कमा रहे हैं। दर्पण छवि लेखन और सूक्ष्म वस्तुओं पर महाकाव्य उकेरने वाले श्री गोयल की कला निःसंदेह ईश्वरीय कृपा का प्रतिफल है। है।आज की बातचीत में डॉ दर्शनी प्रिय ने उनकी इस अनूठी कला के बारे में जानने की कोशिश की:

प्रश्न
प्रयत्न और चेष्टा जीवन का स्वभाव और गुण है। जब तक जीवन है, प्रयत्न और चेतना स्वाभाविक है। जीवन में एक समय प्रयत्न की असफलता मनुष्य का संपूर्ण जीवन नहीं है।असामर्थ्य स्वीकार करने का अर्थ है, जीवन में प्रयत्नहीन हो जाना, जीवन से उपराम हो जाना। आपने सतत प्रयत्न से विश्व कीर्तिमान बनाया है। असंभव को संभव कर दिखाया आपने। इतनी प्रतिबद्धता कहां से आई ?

उत्तर:सच बताऊँ, ये जो जीवन हैं बड़ा आसान नहीं हैं इस जीवन को हमें अपनी सोच से आसान बनाना हैं, और जीवन हमें बहुत कुछ सिखाता भी हैं जो जीवन में आये सुख और दुख से सीख लेते हैं वो कही ना कही मनुष्य को प्रतिबद्धता भी सिखाता हैं.मुझे पता हैं अगर किसी काम को सफल बनाना हैं आपको अपने आपसे आत्मसाक्षात्कार करना होगा और अपने आप से प्रतिबद्ध होना होगा. बचपन में एक कहानी पढ़ी थी कोएँ ने कंकड़ डाल कर पानी पी लिया था फिर मैं क्यों नहीं, इसी सोच ने मुझे प्रेरित किया और असंभव काम को संभव कर पाया.

प्रश्न
अभिव्यक्ति जीवन मूल्यों की कसौटी है। आप एक गौरवशाली इतिहास रच रहे हैं।आपका काम अनोखा है।लीक से थोड़ा अलग हटक आप भावनात्मक स्तर
पर भी संवेदनशील काम कर रहे है।प्रेरणा कहां से मिली?

उत्तर.प्रेरणा मुझे मेरे अच्छे दोस्तों से मिली, अगर आपके जीवन में अच्छे व सच्चे दोस्त हैं जो आपको हमेशा आपके काम के प्रति आपको प्रेरित करेंगे और आपका सहयोग भी करेंगे और अगर कही आप ग़लत हैं आपको सचेत भी करेंगे,बस यही से प्रेरणा मिली और संभव हो पाया और ईश्वर के आशीर्वाद से वो काम हो गया जो शायद दुनिया में अभी तक नहीं हुआ हो.

प्रश्न

दुख सब को मांजता है किंतु जिनको मांजता है यह सीख देता है कि सब को मुक्त रखें।आपकी जीवन यात्रा कैसी रही। कितना संघर्ष रहा। शुरुआत कैसे हुई?

उत्तर: जीवन निश्चित रूप से संघर्ष भरा रहा, जीवन में चीजे आसानी से नहीं मिलती, परिश्रम से मिलती हैं मेरी ज़िंदगी एक दिन अचानक बदल गई सन २००० में एक भयंकर दुर्घटना हो गई और ९ महीने खाट पर रहा,सन २००३ में नौकरी चली गई अवसाद हो गया, सच में जीवन बड़ा कठिन लगने लगा, और एक दिन अचानक चमत्कार हो गया, फिर एक मित्र ने श्रीमदभगवद्गीता दी मुझे मैंने प्रसाद समझ कर ग्रहण किया और पहला पेज तुरंत पढ़ लिया, सभी १८ अध्याय,७०० श्लोक पढ़े अवसाद ख़त्म हो गया,फिर दर्पण छवि में हिन्दी और इंग्लिश में हाथ से लिख दिया और लिखने का सिलसिला शुरू हो गया और ईश्वर के आशीर्वाद से अब तक १७ पुस्तकें लिख लिखी गई हैं.

प्रश्न
अपने तरह के इस अनूठे कार्य के लिए सरकार,समाज और लोगों से किस तरह का सहयोग मिल रहा ह?

उत्तर:इस अनूठे कार्य के लिए अभी तक सरकार की तरफ़ से कोई सहयोग मिला पर मुझे पूरी उम्मीद हैं एक दिन सरकार इस कार्य को ज़रूर सहरायेगी.जब लोगों को पता चलता हैं कि १७ पुस्तकें हाथ से व अलग-अलग तरीक़े से लिखी गई हैं सबसे ज़्यादा सुई से लिखी पुस्तक के बारे में बात करते हैं, लोग बहुत बहुत प्यार करते हैं और समाज भी बहुत मोहब्बत करता हैं वैसे जब मैं लिख रहा था मुझे नहीं पता था इतना प्यार मिलेगा, मैं तो सिर्फ़ ये सोच कर कर रहा था कुछ नया हो रहा हैं.

प्रश्न
इस क्षेत्र में पदार्पण करने के इच्छुक युवा कलाकारों को क्या सन्देश देना चाहेंगे?
उत्तर:सिर्फ़ इसी काम के लिये ही नहीं मैं युवाओं को ये ही कहना चाहूँगा कुछ भी आप करना चाहते हैं (अच्छा, बुरे काम की तो हम बात ही नहीं करेंगे). बस दिल से लगा लो आत्मसाक्षत्कार कर लो,धैर्य रखो,अपने पर विश्वास करो जिस दिन ये चीजे आपके अंदर आ जायेंगी आपको कोई सफल होने से नहीं रोक सकता और एक चीज सपने आपके अपने हैं और आप अपनों के अपने हैं क्यों न अपने सपने पूरे करें.

प्रश्न

आपको आपके कार्यों के लिए अब तक क्या क्या सम्मान मिला है?अपने कार्य के बारे में संक्षिप्त में बताए?

उत्तर:
Awards- 1.Limca Book or Records(2Times). 2.World Record.(World Record Association).For writing World First Hand Write Needle book Madhushala 3.Dr.Sarvepalli Radhakrishnan Award-2021. 4.इंडियन बैस्टीज़ अवार्ड- 2021. 5.Fanatixx Spectrum Award. 6.Criticspace Literary Award-2022. 7.Guest of Honour-Tittle( Best Entrepreneur of the Year Award-2022. 8.हिन्द शिरोमणि सम्मान-2023. 9.कबीर कोहिनूर सम्मान-2023.

प्रश्न
यश प्राप्ति के बाद प्रायः लोग अभिमानी हो जाते है। कार्य प्रसिद्धि ने पीयूष गोयल को कितना बदला है?

उत्तर:सच में प्रसिद्धि मिली हैं लोगो का बहुत प्यार मिलता हैं, मैं भगवान से हमेशा ये प्रार्थना करता हूँ मुझे हमेशा ज़मीन से जोड़ कर रखना और किसी के प्रति कोई ग़लत व्यवहार न हो जाये, मैं अच्छी तरह जानता हूँ ज़्यादा हवा में उड़ना …. आना एक दिन ज़मीन पर ही हैं.

Language: Hindi
83 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
शिव सबके आराध्य हैं, रावण हो या राम।
Sanjay ' शून्य'
डर - कहानी
डर - कहानी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
🥀 *गुरु चरणों की धूल*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
उसे खो दिया जाने किसी के बाद
उसे खो दिया जाने किसी के बाद
Phool gufran
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मजदूर
मजदूर
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
स्वर्ग से सुंदर समाज की कल्पना
Ritu Asooja
4426.*पूर्णिका*
4426.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
हमने तुम्हें क्या समझा था,
हमने तुम्हें क्या समझा था,
ओनिका सेतिया 'अनु '
सही को गलत से दूर रहना चाहिए
सही को गलत से दूर रहना चाहिए
Sarita Pandey
पाखंड
पाखंड
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मुझको कभी भी आजमा कर देख लेना
मुझको कभी भी आजमा कर देख लेना
Ram Krishan Rastogi
याचना
याचना
Suryakant Dwivedi
मृगनयनी
मृगनयनी
Kumud Srivastava
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
जिंदगी हमें किस्तो में तोड़ कर खुद की तौहीन कर रही है
शिव प्रताप लोधी
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
हमसे भी अच्छे लोग नहीं आयेंगे अब इस दुनिया में,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
"मुफलिसी"
Dr. Kishan tandon kranti
आज  का  ज़माना  ही  ऐसा  है,
आज का ज़माना ही ऐसा है,
Ajit Kumar "Karn"
सच में ज़माना बदल गया है
सच में ज़माना बदल गया है
Sonam Puneet Dubey
सुकून
सुकून
अखिलेश 'अखिल'
यादो की चिलमन
यादो की चिलमन
Sandeep Pande
दृष्टा
दृष्टा
Shashi Mahajan
प्रेम
प्रेम
Pratibha Pandey
सुबह आंख लग गई
सुबह आंख लग गई
Ashwani Kumar Jaiswal
#चलते_चलते
#चलते_चलते
*प्रणय*
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
जिंदगी भी कुछ पहाड़ की तरह होती हैं।
Neeraj Agarwal
*रामपुर का प्राचीनतम मंदिर ठाकुरद्वारा मंदिर (मंदिर श्री मुनीश्वर दत्त जी महाराज
*रामपुर का प्राचीनतम मंदिर ठाकुरद्वारा मंदिर (मंदिर श्री मुनीश्वर दत्त जी महाराज
Ravi Prakash
कविता: घर घर तिरंगा हो।
कविता: घर घर तिरंगा हो।
Rajesh Kumar Arjun
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
i always ask myself to be worthy of things, of the things th
पूर्वार्थ
Loading...