साइबर ठगी हाय रे, करते रहते लोग
साइबर ठगी हाय रे, करते रहते लोग
लगे न इनको बददुआ, लगे न कोई रोग
लगे न कोई रोग, मुफ़्त का माल उड़ाते
पूरे करते शौक़, ग़रीबों को तड़पाते
महावीर कविराय, न कोई है सगा-सगी
मोबाइल अब बैंक, सहज यूँ साइबर ठगी
महावीर उत्तरांचली