मुझे अच्छी नहीं लगती
ज़ुबाँ होकर भी खामोशी
मुझे अच्छी नहीं लगती..।
मेरे अपनों की नाकद्री
मुझे अच्छी नहीं लगती…।।
जहाँ मैं हूं वहाँ तुम भी
खड़ा पाओगे खुद को…।
मुर्दा ज़मीरो की तमाशाई
मुझे अच्छी नहीं लगती..।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
ज़ुबाँ होकर भी खामोशी
मुझे अच्छी नहीं लगती..।
मेरे अपनों की नाकद्री
मुझे अच्छी नहीं लगती…।।
जहाँ मैं हूं वहाँ तुम भी
खड़ा पाओगे खुद को…।
मुर्दा ज़मीरो की तमाशाई
मुझे अच्छी नहीं लगती..।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद