# सांग – कृष्णलीला # अनुक्रमांक-18 # गोपनी राधे संग आई, बणे थे ललिहारी नंदलाल ।। टेक ।।
# सांग – कृष्णलीला # अनुक्रमांक-18 # जवाब – कवि का (प्रकृति-चित्रण)
गोपनी राधे संग आई, बणे थे ललिहारी नंदलाल ।। टेक ।।
लखचौरासी जियाजून, रवि, गंधर्व, किन्नर, मनुष जात,
ऊँट, खच्चर, घोड़ा, हाथी, बकरी, भैस, गऊ मात,
गैंडा, साबर, जर्क, रोंझ, सूर, हिरण, कंगारू, सुसा, निहात,
शारदूल, श्वान, भेडियां, रिछ, भालू, चिता, बाघ,
झावा, झण्ड और नोळ, कंघैवा, बिच्छू, कीरल, गभेरा, नाग,
तोता, मैना, चकवा-चकवी, सारस, बुगला, हंस, काग,
मुस्सा, बिज्जू, बिलाई, काटो, लोबा, स्याल ।।
तितर, बाज, कोतरी, उल्लू, कुंज, कबूतर, बागल और,
जैया, तीज, ततैया, दादर, भैया, गरूड़, पपैया, मोर,
मुर्गा, गीद, टटीरी, गुरसल, मोडी, सौनचिड़ी, चकोर,
कोयल, बुलबुल, भंवर, पतंग, चकचुन्दर, टिडी, भुण्ड, किशारी,
जूण, जोंक, सुणसुणियां, छिपकली, कानखजूरा, कानसलैया न्यारी,
माक्खी, डीमक, डांस, दिखोड़ी, खटमल, किड़े, जूंम करारी,
कछुआ, मेढंक, मुरगाई, पड़े मगरमच्छ ताल ।।
ढ़िघां, चील, कमोत, कमेरी, कोकिल, खातीचिड़ा, बुटेर,
गिल्ला, साण्ड़ा, सेह, गोहचिपटण, कक्षुआ और मीन मच्छेर,
श्योर, मकोड़ा, घुग्घू, मकड़ी, पिस्सु, पटबिजणा, पखेर,
चार धाम सब जाती, गंगा-जमना 68 तीर्थ न्यारे,
सुरग-नरक-पैताल, यमपूरी, धरती, अंबर, चांद, सितारे,
56 करोड़ यादूवंशी, देवता बताये सारे,
कैसी लीला दिखाई, तनै कृष्ण गोपाल ।।
मस्तक पै मुरलीधर लिखदे, काना पै कृष्ण श्याम,
गर्दन पै गिरधारी लिखदे, नाभि पै नारायण नाम,
सिने पै सावरियां लिखदे, रूम-2 मै सीता-राम,
भूजा पै बृज बिहारी लिखदे, कुचा पै कन्हैया काला,
पेट उडै पुरूषोतम लिखदे, गोड्या पै गोपाल ग्वाला,
धोरै नाम कवि का लिखदे, राजेराम लुहारी आला,
जड़ मैं लिख जमना माई, गिणुंगी बैठ किनारै झाल ।।