सहारा
बेबस को सहारा देके ,तुम लौटे हो कल
खुद की नज़रों में ,उठा लो खुद को
इश्क़ की सौगात ला रहा कोई
गुरूरो सुनो अब बिछा लो खुद को
तुझको तुझसे छीनने की कवायद में है शायद
खुद से कहो इस खुदी को निकालो
मयकदे तौबा फिर क्यों ,बहक रहे क़दम तेरे
असर खुदी का तो नहीं , संभालो खुद को