-सहनशीलता
_सहनशीलता
अंधेरे का भी होगा कभी तो नाश,
सब सहनशीलता उर में धारण कर,
फैलेगा सारे जहां में खुशियों का प्रकाश,
सूनी पड़े है जो आज गांव, गलियां, बाजार,
रखनी होगी हमें मिलकर सावधानियां खास,
उम्मीद है फिर से खुशियों का होगा आगाज,
घर में ही खुश रहो धैर्य की देहरी ना लांघ,
जैसे नारी नौ महीने रखती गर्भ सार संभाल,
दुख सहन करती बिना कुछ शिकन आहट,
मातृत्व सुख से वो पाती सुखद परिणाम।।
-सीमा गुप्ता ,अलवर राजस्थान