सवाल
शिकायतें खुद से कितनी है,
ए दिल दीवाने मुझसे ना पूछ ।
उनसे कुछ ना कहा मैंने ,
ए खुदा मुझसे ना पूछ ।
के दिल मे सुईया सी चुभती है ,
उनके ख्वाब में आ जाने से ।
पर ये बेदर्द दिल कितना तड़पता है ,
ये तड़पन दिल से न पूछ ।
कैद है रुहू भी उनकी आँखों मे ,
पर ये रुहू देखती किसे है
ये उनसे ना पूछ ।
अब जान भी गिरवी रखके आया हूं
हुसन की तस्वीर के पास,
पर जान की क्या क़ीमत लगाई है
ये मुझसे ना पूछ।
पूछना है तो मुझे उस रब से
की खंजर से चीर के हाथ मे
रकीर बना लू उनके नाम की,
पर अब वो बेदर्द रब भी कहता है
ये सब बातें अब मुझसे ना पूछ।