सवच्छता
स्वच्छता
पृथ्वी की सबसे बड़ी आवश्यकता,
हो कण- कण में स्वच्छता।
चलता, तैरता, उड़ता जहर ,
मानव हो जागरूक ..नहीं तो बरसेगा कहर।
दूषित जल, थल ,वायु, कचरा-
कूड़ा, प्लास्टिक की चौफेरे
भरमार, भूल रहा हैं सब अपना कर्तव्य वयवहार।
शुचि क्रियाएं स्वास्थ्य का है जीवन आधार,
वरना महामारी, गंदगी प्रदुषण बनेगा अकाल मृत्यु का जिम्मेदार।
आओ करें एकल निश्चय,
गंदगी को हटाना है,
घर-घर संदेश पहुँचाना है,
भारत स्वस्थ राष्ट्र बनाना है।
विश्व में स्वच्छ भारत कह लाना है।।।
✍©
अरुणा डोगरा शर्मा,
मोहाली।