ग़ज़ल
सलामी दें तिरंगे को हमें ये जान से प्यारा
ज़मीं इसकी गगन इसका सभी आँखों का ये तारा/1
नहीं हिम्मत किसी की है उठाकर आँख जो देखे
चटा दें धूल पल में हम कोई दुश्मन जो ललकारा/2
ये हिंदुस्तान की धरती हमें इससे मुहब्बत है
बचाएँ लाज इसकी हम बहाकर ख़ून की धारा/3
दमक आवाज़ में इतनी पसीने दुश्मन के छूटें
हमारे जोश को दुनिया ने समझा और स्वीकारा/4
शहीदों को नमन करलें चलें उनकी ही राहों पर
दी आज़ादी हमें हँसके लुटा जीवन हसीं सारा/5
कहें जयहिंद दिल से आज भारत की क़सम हमको
रहे ऊँची तिरंगा शान दिल में हो यही नारा/6
जवानी नव कहानी नव रवानी नव लिखेंगे हम
बजे जग में सदा भारत फ़सानों का ही इकतारा/7
आर. एस. ‘प्रीतम’