सर उठा के मत चलिए आज के ज़माने में
सर उठा के मत चलिए आज के ज़माने में
जान जाती रहती है हौसला दिखाने में
हाथ की लकीरों से फ़ैसले नहीं होते
अज़्म का भी हिस्सा है ज़िंदगी बनाने में
सर उठा के मत चलिए आज के ज़माने में
जान जाती रहती है हौसला दिखाने में
हाथ की लकीरों से फ़ैसले नहीं होते
अज़्म का भी हिस्सा है ज़िंदगी बनाने में