सर्व-आह्वान
सर्व-आह्वान
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विदित शब्दों की गरिमा..
संस्कारों की महिमा..
तर्कसहित आलोचना..
मनों में भरकर संवेदना..
उचित दिशा सही प्रचार..
विचारणीय तथ्य आचार..
सर्वहित मनोभाव अनुकंपा..
देशहित कर्मों की कर कृपा..
मूल्यों का हो नूतन प्रसार..
उन्नति अनवरत आधार..
एक नव मानव जाति वेग..
प्रेम स्पर्श हृदय का संवेग..
संकीर्णता का पूर्ण ह्रास..
मानवता का हो उल्लास..
एकता की सही तलाश..
झूमे धरती गाए आकाश..
आदर्श भारत की नींव..
रखें हम होकर तनिक सजीव..
जड़ता हो जाए अब शून्य..
इतना कर चलें कर्म पून्य..
दृष्टि रखें निरंतर दूरदर्शी..
भाव रखें सर्व-हृदय स्पर्शी..
अतीत अब शोकाकुल न हो..
भविष्य के प्रति आकुल न हो..
वर्तमान में सुधार क्षण-क्षण..
सुख भोगेगा तन का कण-कण..
आर.एस.बी.प्रीतम
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