सर्दी की छुट्टियां
*** सर्दी की छुट्टियां ***
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हो गई सर्दी की छुट्टियां,
मनाओ मौज मस्तियां।
ठंड पड़ रही पुरजोर है,
कांप रही बड़ी हस्तियां।
गर्म रखो अपनी रजाई,
लो चाय की चुस्कियां।
तंग करता कोहरा ठंड,
खाली पड़ी हैं कुर्सियां।
खाओ गच्चक रेवड़ी,
और गर्म मूंगफलियां।
घोषित शीत अवकाश,
शिक्षकों हेतु डुबकियां।
हर कोई बंद कमरे में,
तट खड़ी हैं किश्तियां।
मनसीरत सर्दी या गर्मी,
बसती रहेंगे ये हस्तियां।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)