Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Dec 2020 · 1 min read

सरहद पर ठंड

अब ठंड अपनी रौ में आ गई है।ऐसे समय में जब हम सभी घरों में गरम कपडों, रजाई कंबल और गर्म कपडों और अलाव में सुरक्षित रहते हैं,तब हमारे सैनिक भाई एक ओर जहां दुश्मनों से देश को सुरक्षित रखने के लिए हर पल सरहद की निगहबानी में मुस्तैद रहते हैं।ऊपर से भीषण ठंड भी उन सबके लिए किसी दुश्मन से कम नहीं है।
हाँड कँपा देने और हड्डियों तक को हिलाकर रख देने वाली ठंड में 0 डिग्री तापमान में भी खुद के साथ सरहद की रक्षा एकतरफ कुँआ और दूसरी ओऋ खाई जैसी है।लेकिन हमारे रणबांकुरों का जोश कभी कम नहीं होता।लेकिन सरहद की ठंड इतनी सुविधाओं के बाद भी हर वर्ष हमारे अनेक सैनिक भाईयों की मौत का कारण भी बनती है।बावजूद इसके हमारे जाँबाज लाख ऊहापोह के बाद भी अपने कर्त्तव्य पथ से तनिक भी विचलित नहीं होते।
तब जाकर देश के लोग चैन की नींद सोते हैं और दुश्मन इस ठंड का इंतजार करते हुए दुष्चक्र करता रहता है।
कुल मिलाकर यह ठंड हमारे सरहदों पर खड़े सैनिक भाइयों के लिए किसी दुश्मन से कम नहीं है।
हम सब ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि ये ठंड किसी भी नागरिक, बूढ़े, बच्चे और सैनिकों की जान न ले।
सरहद पर खड़े अपने जाँबाज सैनिक भाइयों की कुशल कामना के साथ
जय हिंद।
● सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 348 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
💐प्रेम कौतुक-248💐
💐प्रेम कौतुक-248💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
-- आधे की हकदार पत्नी --
-- आधे की हकदार पत्नी --
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
माँ
माँ
Raju Gajbhiye
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
नजरिया रिश्तों का
नजरिया रिश्तों का
विजय कुमार अग्रवाल
सारा शहर अजनबी हो गया
सारा शहर अजनबी हो गया
Surinder blackpen
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
यक़ीनन एक ना इक दिन सभी सच बात बोलेंगे
Sarfaraz Ahmed Aasee
टूटे बहुत है हम
टूटे बहुत है हम
The_dk_poetry
देश के खातिर दिया जिन्होंने, अपना बलिदान
देश के खातिर दिया जिन्होंने, अपना बलिदान
gurudeenverma198
दशरथ मांझी होती हैं चीटियाँ
दशरथ मांझी होती हैं चीटियाँ
Dr MusafiR BaithA
हिन्दी पर विचार
हिन्दी पर विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
■ इनका इलाज ऊपर वाले के पास हो तो हो। नीचे तो है नहीं।।
■ इनका इलाज ऊपर वाले के पास हो तो हो। नीचे तो है नहीं।।
*Author प्रणय प्रभात*
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
हर प्रेम कहानी का यही अंत होता है,
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
पत्थरवीर
पत्थरवीर
Shyam Sundar Subramanian
3289.*पूर्णिका*
3289.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
वृक्ष पुकार
वृक्ष पुकार
संजय कुमार संजू
जिस रास्ते के आगे आशा की कोई किरण नहीं जाती थी
जिस रास्ते के आगे आशा की कोई किरण नहीं जाती थी
कवि दीपक बवेजा
बाहरी वस्तु व्यक्ति को,
बाहरी वस्तु व्यक्ति को,
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
मोहब्बत।
मोहब्बत।
Taj Mohammad
शादीशुदा🤵👇
शादीशुदा🤵👇
डॉ० रोहित कौशिक
अपनी सोच का शब्द मत दो
अपनी सोच का शब्द मत दो
Mamta Singh Devaa
मेरा लड्डू गोपाल
मेरा लड्डू गोपाल
MEENU
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
*माहेश्वर तिवारी जी से संपर्क*
*माहेश्वर तिवारी जी से संपर्क*
Ravi Prakash
जो ना कहता है
जो ना कहता है
Otteri Selvakumar
नशा नाश की गैल हैं ।।
नशा नाश की गैल हैं ।।
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
हिदायत
हिदायत
Bodhisatva kastooriya
धानी चूनर
धानी चूनर
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
जन्म से मरन तक का सफर
जन्म से मरन तक का सफर
Vandna Thakur
Loading...