Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 May 2024 · 1 min read

सरस्वती वंदना

नमस्तुभ्यं वीणावादिनी, पुस्तकधारिणी,
मां तू धवलवर्णा, तू सर्वसौभाग्यप्रदायिनी।

पद्मासिनी तू देवी, सद्गुण वैभव शालिनी,
तू चंद्रवदनी, तू अज्ञान तिमिर नाशिनी।

देवो सदा वन्दिता, देवी तू शुभकारिणी,
मां त्वां अभयदायिनी, बुद्धि यशप्रदायिनी।

हितकारिणी, सुखकारिणी, तू जग निस्तारणी।
वन्दिताघ्रयुगे देवी, भगवती तू मंगलकारिणी।

वरदे मां विद्या ज्ञान प्रदायिनी, वन्दे तां परमेश्वरी,
जय मां कामरूपिणी, जय जय जय विद्यादायिनी।।
-©®Shikha

1 Like · 112 Views

You may also like these posts

तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
तू खुद की इतनी तौहीन ना कर...
Aarti sirsat
मैं बेटा हूँ
मैं बेटा हूँ
संतोष बरमैया जय
Snap chat वाली दोस्त
Snap chat वाली दोस्त
Sonu sugandh
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक  के प्यार में
मैं क्या जानूं क्या होता है किसी एक के प्यार में
Manoj Mahato
ज़िन्दगी दर्द का
ज़िन्दगी दर्द का
Dr fauzia Naseem shad
■ दोनों पहलू जीवन के।
■ दोनों पहलू जीवन के।
*प्रणय*
रामचरितमानस
रामचरितमानस
Rambali Mishra
"रहनुमा"
Dr. Kishan tandon kranti
पुण्य पताका फहरे
पुण्य पताका फहरे
Santosh kumar Miri
युवक की जिंदगी
युवक की जिंदगी
पूर्वार्थ
जा लिख दे आसमान पे
जा लिख दे आसमान पे
Shekhar Chandra Mitra
टैणुनालुडी
टैणुनालुडी
सिद्धार्थ गोरखपुरी
" LEADERSHIP OPPORTUNITY" ( ARMY MEMOIR)
DrLakshman Jha Parimal
क़िस्मत की सज़ा
क़िस्मत की सज़ा
Rekha khichi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
2869.*पूर्णिका*
2869.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
चाँदी की चादर तनी, हुआ शीत का अंत।
डॉ.सीमा अग्रवाल
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
अपने अच्छे कर्मों से अपने व्यक्तित्व को हम इतना निखार लें कि
Paras Nath Jha
मानकीकृत तराजू पर जोखाइत लोकभाषा मैथिली
मानकीकृत तराजू पर जोखाइत लोकभाषा मैथिली
Dr. Kishan Karigar
जीवन है बस आँखों की पूँजी
जीवन है बस आँखों की पूँजी
Suryakant Dwivedi
*क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी श्री राम अवतार दीक्षित*
*क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी श्री राम अवतार दीक्षित*
Ravi Prakash
अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा
अज़ीज़-ए-दिल को भी खोना नसीब है मेरा
आकाश महेशपुरी
हर‌ शख्स उदास है
हर‌ शख्स उदास है
Surinder blackpen
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
उम्र तो गुजर जाती है..... मगर साहेब
shabina. Naaz
तेवरीः साहित्य के नए तेवर + गिरि मोहन ‘गुरु’
तेवरीः साहित्य के नए तेवर + गिरि मोहन ‘गुरु’
कवि रमेशराज
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
तूं ऐसे बर्ताव करोगी यें आशा न थी
Keshav kishor Kumar
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
किसी महिला का बार बार आपको देखकर मुस्कुराने के तीन कारण हो स
Rj Anand Prajapati
किस्त
किस्त
Diwakar Mahto
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
बिन पैसों नहीं कुछ भी, यहाँ कद्र इंसान की
gurudeenverma198
सृजन
सृजन
Rekha Drolia
Loading...