सरल टिकाऊ साफ
रिश्ता होता है वही, सदा टिकाऊ साफ ।
चढ़ा नही हो स्वार्थ का,जिस पर कभी गिलाफ ।।
रिश्ता वो जो स्वार्थ का,हो जाए बेस्वाद ।
कर देना ही ठीक है, उसे शीॆघ्र आजाद ।।
रमेश शर्मा..
रिश्ता होता है वही, सदा टिकाऊ साफ ।
चढ़ा नही हो स्वार्थ का,जिस पर कभी गिलाफ ।।
रिश्ता वो जो स्वार्थ का,हो जाए बेस्वाद ।
कर देना ही ठीक है, उसे शीॆघ्र आजाद ।।
रमेश शर्मा..