Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 Nov 2023 · 1 min read

सरल टिकाऊ साफ

रिश्ता होता है वही, सदा टिकाऊ साफ ।
चढ़ा नही हो स्वार्थ का,जिस पर कभी गिलाफ ।।

रिश्ता वो जो स्वार्थ का,हो जाए बेस्वाद ।
कर देना ही ठीक है, उसे शीॆघ्र आजाद ।।
रमेश शर्मा..

Language: Hindi
1 Like · 123 Views

You may also like these posts

मेरी एक बात हमेशा याद रखना ,
मेरी एक बात हमेशा याद रखना ,
Iamalpu9492
वो आंगन ढूंढ रहा हूं
वो आंगन ढूंढ रहा हूं
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
बचाओं नीर
बचाओं नीर
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
तुम सबने बड़े-बड़े सपने देखे थे, धूमिल हो गए न ... कभी कभी म
तुम सबने बड़े-बड़े सपने देखे थे, धूमिल हो गए न ... कभी कभी म
पूर्वार्थ
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
"लोकतंत्र में"
Dr. Kishan tandon kranti
” एक मलाल है “
” एक मलाल है “
ज्योति
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
अंतिम पड़ाव
अंतिम पड़ाव
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
4046.💐 *पूर्णिका* 💐
4046.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हम सब भारतवासी हैं ...
हम सब भारतवासी हैं ...
Sunil Suman
हार गए तो क्या अब रोते रहें ? फिर उठेंगे और जीतेंगे
हार गए तो क्या अब रोते रहें ? फिर उठेंगे और जीतेंगे
सुशील कुमार 'नवीन'
मत कुचलना इन पौधों को
मत कुचलना इन पौधों को
VINOD CHAUHAN
Fantasies are common in this mystical world,
Fantasies are common in this mystical world,
Chaahat
- हम कोशिश करेंगे -
- हम कोशिश करेंगे -
bharat gehlot
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
हर-दिन ,हर-लम्हा,नयी मुस्कान चाहिए।
डॉक्टर रागिनी
माँ तेरे आँचल तले...
माँ तेरे आँचल तले...
डॉ.सीमा अग्रवाल
मन की प्रीत
मन की प्रीत
भरत कुमार सोलंकी
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
डॉ. दीपक बवेजा
गम में वह कुवत है कि,
गम में वह कुवत है कि,
TAMANNA BILASPURI
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
“जहां गलती ना हो, वहाँ झुको मत
शेखर सिंह
राधा रानी
राधा रानी
Mamta Rani
सोना ठीक है क्या
सोना ठीक है क्या
Ashwani Kumar
कुछ कर लेने दो उनको भी अपने मन की,
कुछ कर लेने दो उनको भी अपने मन की,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#ग़ज़ल
#ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
हमारा मन
हमारा मन
surenderpal vaidya
ग़ज़ल __तेरी य़ादें , तेरी बातें , मुझे अच्छी नहीं लगतीं ,
ग़ज़ल __तेरी य़ादें , तेरी बातें , मुझे अच्छी नहीं लगतीं ,
Neelofar Khan
श्वेत  बस  इल्बास रखिये और चलिए।
श्वेत बस इल्बास रखिये और चलिए।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
आपके
आपके "लाइक्स"
*प्रणय*
टाईम पास .....लघुकथा
टाईम पास .....लघुकथा
sushil sarna
Loading...