सरमाया – ए – हयात
कोई पूछे जो तुमसे क्या कमाया उम्र भर?
क्या कहोगे तुम?
चंद रुपए चंद आशियाने ??
क्या पूरी जिंदगी की कमाई
इन सब चीजों को कहोगे तुम ??
वह जिंदगी जो खुद सुनहरी है ,
क्या उसको सोने से तोलोगे तुम??
महज़ इन सब चीजों को
सरमाया – ए – हयात बोलोगे तुम??
है मानना मेरा यह ,
कमाई बस यह नहीं
कमाई वो संघर्ष करने की क्षमता है तुम्हारी
जिस कारण जो तुमने चाहा वो पाया
संघर्ष के कारण तुम्हे गिरकर फिर उठना आया
इस संघर्ष ने ही तुम्हे हर वस्तु के योग्य बनाया।
यारा कमाई वो लोग है,
जिनको तूने अपने स्वभाव से है कमाया ।
कमाई वो मित्र है तुम्हारा
जिसने कभी तुमसे जुदा होने का बहाना नहीं लगाया ,
हमेशा मुश्किल वक्त में ,
वो ही अक्सर समाधान लेकर आया ,
बिन किए कोई सवाल ,
मदद का हाथ उसने आगे बढ़ाया।
कमाई वो हर दुआ है
जो सच्चे मन से पता नहीं कितनो ने दी है तुझे ,
क्युकी तू उनकी जीवन में
कोई सकारात्मक परिवर्तन लाया
सबको अपना समझ
सबके प्रति तूने निश्चल व सम्मान भाव अपनाया।
कमाई वो इज्जत है,
जिसको तूने सारी उम्र इमानदारी से कमाया
ना किया गलत किसी का
और ना बेमानी का पैसा खाया।
कमाई वो यादें है ,
जिनको तूने इस ज़िंदगी के सफर में
अपने मित्र तथा अन्य लोगो के संग रहकर है कमाया ।
❤️ सखी