सरकारी व्यवस्था पर प्रहार
दर्द तब नहीं होता जब सत्य झूठ को झूठ कहता है
दर्द तब होता है जब झूठ सत्य को झूठ कहता है
अज्ञानियों को ज्ञानियों द्वारा सम्मान ना मिलना
आम बात है
परंतु अज्ञानियों द्वारा ज्ञानियों का अपमान होना शर्मनाक है
लोकतंत्र काअस्तित्व तब है जब सभी को एकता,समानता ,स्वतंत्रता और जीवन सहज हो
लोकतंत्र का अस्तित्व शून्य है जब एक कर्मचारी बिना पेंशन के अपाहिज हो