सरकते पल…..खिसकते पल…..
सरकते पल,खिसकते पल
समेट लूँ यादें,गुज़रते पल
सिमटी सी घड़ियाँ ….
कुछ उखड़ी सीं घड़ियाँ …
कुछ सुलगते पल….
खिसकते पल
मुस्कुराती ज़िंदगी के
कुछ हसीन से पल
समेट लूँ यादें,गुज़रते पल
शीशे जैसे नज़र आते हैं
बर्फ़ के जैसे …….
पिघलते पल
तरन्नुम जैसे गूँजते हुए
अधूरे से गीत……..
गुन-गनाते कुछ पल
कानों में शायद कुछ तो कहते हैं
अनकही सी कहानी…
सुनाते कुछ पल
चलचित्र जैसीं चलती-फिरती
अधूरी सी झलक…..
दिखलाते कुछ पल
शीशे जैसे नज़र आते हैं
बर्फ़ के जैसे …….
पिघलते पल
सरकते पल,खिसकते पल
समेट लूँ यादें,गुज़रते पल
-राजेश्वर