समय
समय
समय जो बीत गया
उसके लिए क्या पछताना।
हमें पता ही है जो समय
बीत गया, पुन: नहीं आने वाला।
समय जो अभी बाकी है
उसे क्यों व्यर्थ गँवाना।
जो राह हमने चुना है
उसी पर चलते जाना है।
मुश्किलें चाहे लाख आएँ
बीच में हमें नहीं रूकना है।
मंजिल बेशक अभी दूर है
पर हमें तो चलते ही जाना है।
समय जो बीत गया
उसके लिए क्या पछताना।
डॉ. प्रदीप कुमार शर्मा
रायपुर, छत्तीसगढ़