“सम्बन्धों की ज्यामिति”
“सम्बन्धों की ज्यामिति”
पेट का भूख से
आँसू का दुःख-सुख से
सपनों का नींद से
मन का वेदना औ’ सुकून से
देखती है ये दुनिया
फूलों में भी सुगन्ध,
पता नहीं कैसे बनता है
इसमें सम्बन्ध?
“सम्बन्धों की ज्यामिति”
पेट का भूख से
आँसू का दुःख-सुख से
सपनों का नींद से
मन का वेदना औ’ सुकून से
देखती है ये दुनिया
फूलों में भी सुगन्ध,
पता नहीं कैसे बनता है
इसमें सम्बन्ध?