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13 Feb 2024 · 1 min read

समूह

शीर्षक – समूह
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हम समूह बनाते हैं।
हकीकत से बचते हैं।
अपना पराया बस करते हैं।
जीवन के रंगमंच में सच जानते हैं।
साथ न कुछ आता न जाता हैं।
बस मोह माया में भटकते रहते हैं।
सच संसारिक आकर्षण रहता हैं।
बस सांसों से सांसों का नाम होता हैं।
आओ समूह एक ऐसा बनाते हैं।
जहां अपना पराया न समझते हैं।
जीवन जिंदगी को समझते हैं।
सच सब अपने मनभावों में बसते हैं।
हम सभी मिलकर पहल करते हैं।
अच्छा एक समूह बनाते हैं।

नीरज अग्रवाल चंदौसी उ.प्र

Language: Hindi
210 Views
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