Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Apr 2024 · 2 min read

समारोह चल रहा नर्क में

नर्क, नर्क रह नहीं गया अब, भीड़ बढ़ रही, घनानन्द है।
समारोह चल रहा नर्क में, द्वार न अब तक हुआ बन्द है ।।

दूरदर्शनी चैनल अनगिन
पत्र-पत्रिकाएं दिन-अनुदिन
खड़े हो रहे रंगमहल नित
झोपड़ियों से भाग गई घिन
रचना से उद्भूत क्रान्ति की, धार कुन्द पर गति अमन्द है।
समारोह चल रहा नर्क में, द्वार न अब तक हुआ बन्द है।।

राजनीति दे देती धोखा
छल पर रंग चढ़ाती चोखा
आश्वासन की बाॅंट रेवड़ियाॅं
पद पाने का खेल अनोखा
आंख खोलकर देख उड़ रही, आंख बचाकर कलाकन्द है।
समारोह चल रहा नर्क में, द्वार न अब तक हुआ बन्द है ।।

ठेके पर बिकते हैं थाने
ठेका कहलाते मयखाने
कैसे जीत मिले चुनाव में
बुने जा रहे ताने-बाने
निकल रहा दौलत-दारू से, कीर्ति बुभुक्षित छली छन्द है।
समारोह चल रहा नर्क में, द्वार न अब तक हुआ बन्द है ।।

सिमट रही सभ्यता सनातन
आकर्षित करते विज्ञापन
जननी-जनक आज भी हैं पर
कहीं खो गया है अपनापन
नूतन और पुरातन में अब, छिड़ा परस्पर महाद्वन्द है।
समारोह चल रहा नर्क में, द्वार न अब तक हुआ बन्द है।।

नारी निन्दित नहीं रही अब
अब तो उसके जड़-जंगम सब
ममता उसके मृदु आंचल से
खिसक गई है क्या जाने कब
जो सलज्ज थी कभी उसी ने, अब स्वीकारा लन्द-फन्द है।
समारोह चल रहा नर्क में, द्वार न अब तक हुआ बन्द है ।।

रंगमंच पर घिरते बादल
नीर नहीं, बरसें नीलोत्पल
फैशन बन फैला नंगापन
कैटवॉक करती हर माॅडल
कवि को कविता कहाॅं कामिनी, अब कोकिलबयनी पसन्द है।
समारोह चल रहा नर्क में, द्वार न अब तक हुआ बन्द है ।।

महेश चन्द्र त्रिपाठी

5 Likes · 98 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from महेश चन्द्र त्रिपाठी
View all
You may also like:
"गुजारिश"
Dr. Kishan tandon kranti
ये जो मुस्कराहट का,लिबास पहना है मैंने.
ये जो मुस्कराहट का,लिबास पहना है मैंने.
शेखर सिंह
राम नाम की जय हो
राम नाम की जय हो
Paras Nath Jha
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
नन्ही परी और घमंडी बिल्ली मिनी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं।
कल मैं सफरर था, अभी तो मैं सफर में हूं।
Sanjay ' शून्य'
मदर इंडिया
मदर इंडिया
Shekhar Chandra Mitra
"पुरे दिन का सफर कर ,रवि चला अपने घर ,
Neeraj kumar Soni
तेरे दिदार
तेरे दिदार
SHAMA PARVEEN
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
सहचार्य संभूत रस = किसी के साथ रहते रहते आपको उनसे प्रेम हो
राज वीर शर्मा
3395⚘ *पूर्णिका* ⚘
3395⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
डमरू घनाक्षरी
डमरू घनाक्षरी
Annapurna gupta
7) पूछ रहा है दिल
7) पूछ रहा है दिल
पूनम झा 'प्रथमा'
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
रुपेश कुमार
2122 1212 22112
2122 1212 22112
SZUBAIR KHAN KHAN
दीदार
दीदार
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
दिल तड़प उठता है, जब भी तेरी याद आती है,😥
SPK Sachin Lodhi
बेटे की माॅं
बेटे की माॅं
Harminder Kaur
*जिंदगी  जीने  का नाम है*
*जिंदगी जीने का नाम है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वार
वार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
इतनी खुबसुरत हो तुम
इतनी खुबसुरत हो तुम
Diwakar Mahto
*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
*सभी कर्मों का अच्छा फल, नजर फौरन नहीं आता (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आकुल बसंत!
आकुल बसंत!
Neelam Sharma
काश ! लोग यह समझ पाते कि रिश्ते मनःस्थिति के ख्याल रखने हेतु
काश ! लोग यह समझ पाते कि रिश्ते मनःस्थिति के ख्याल रखने हेतु
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
जब पीड़ा से मन फटता हो
जब पीड़ा से मन फटता हो
पूर्वार्थ
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
तुम ही रहते सदा ख्यालों में
Dr Archana Gupta
मेरा भारत महान --
मेरा भारत महान --
Seema Garg
लोग मेरे  इरादों को नहीं पहचान पाते।
लोग मेरे इरादों को नहीं पहचान पाते।
Ashwini sharma
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
#'सजल' एक जीवन परिचय
#'सजल' एक जीवन परिचय
Radheshyam Khatik
बे फिकर होके मैं सो तो जाऊं
बे फिकर होके मैं सो तो जाऊं
Shashank Mishra
Loading...