Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2024 · 1 min read

समाज की डार्क रियलिटी

समाज की डार्क रियलिटी
पैसा और सफलता की ये अजब कहानी है,
औकात बदल जाए, ये उनकी मेहरबानी है।।
हैसियत से परे, सबकुछ मुमकिन है यहां,
सच कहूं तो इज्जत भी बिकती दुकान में यहां।।
जिसके पास दौलत, वही है बड़ा इंसान,
गरीब की बातें सुनता कौन, वो तो है बेनाम।।
रिश्ते भी झुक जाते हैं पैसे के भार से,
सच्चाई दब जाती है चमचमाते शृंगार से।।
खुद्दारी बिक जाती है, मजबूरी के बाजार में,
आदमी खो जाता है, सपनों के पहरेदार में।।
सफलता का मतलब अब दौलत से जुड़ गया,
मानवता का मूल्य जैसे कहीं दूर उड़ गया।।
जिनकी जेब खाली, उनकी बात अधूरी है,
समाज के इस खेल में ये कैसी मजबूरी है।।
पैसा और सफलता, ये सबकुछ छीन लेते हैं,
औकात को बदलकर, हैसियत में ढाल देते हैं।।

18 Views

You may also like these posts

जीवन की लो उलझी डोर
जीवन की लो उलझी डोर
Saraswati Bajpai
true privilege
true privilege
पूर्वार्थ
टपरी पर
टपरी पर
Shweta Soni
4921.*पूर्णिका*
4921.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
मनभावन होली
मनभावन होली
Anamika Tiwari 'annpurna '
*मीठे बोल*
*मीठे बोल*
Poonam Matia
Acrostic Poem
Acrostic Poem
jayanth kaweeshwar
अदाकारियां
अदाकारियां
Surinder blackpen
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
शीर्षक:-सुख तो बस हरजाई है।
Pratibha Pandey
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय*
मानस
मानस
sushil sharma
कविता
कविता
Neelam Sharma
माखन चौर
माखन चौर
SZUBAIR KHAN KHAN
तबियत बदलती है
तबियत बदलती है
Kunal Kanth
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
ऋषि मगस्तय और थार का रेगिस्तान (पौराणिक कहानी)
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
विधु की कौमुदी
विधु की कौमुदी
Vivek Pandey
मुक्तक
मुक्तक
Neelofar Khan
आग़ाज़
आग़ाज़
Shyam Sundar Subramanian
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
*विभाजित जगत-जन! यह सत्य है।*
संजय कुमार संजू
हंसगति
हंसगति
डॉ.सीमा अग्रवाल
अपना पीछा करते करते
अपना पीछा करते करते
Sangeeta Beniwal
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
कठिनताओं की आवाजाही हीं तो, जीवन को लक्ष्य से मिलवाती है।
Manisha Manjari
गीत
गीत
Suryakant Dwivedi
शम्स' गर्दिश जो यूं ही करता है।
शम्स' गर्दिश जो यूं ही करता है।
Dr fauzia Naseem shad
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने ,
इस बरखा रानी के मिजाज के क्या कहने ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
"बात पते की"
Dr. Kishan tandon kranti
दिल पे पत्थर ना रखो
दिल पे पत्थर ना रखो
shabina. Naaz
Loading...