समय
समय
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आज समय का घूमा पहिया,
पीछे सब कुछ छूट गया।
एक सितारा भारत माता की,
आंखों का टूट गया।
उसकी आंखें बंद हुई तो,
पलकें क ई निचोड़ गया।
सदियों तक न भर पायेगा,
वो खालीपन छोड़ गया।
ना मजहब मेरे पीछे था,
ना कोई भेदभाव था।
वो सिपाही, वो सैनिक ,
केवल!भारत मां का बेटा था—–
सुषमा सिंह *उर्मि,,