Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jun 2020 · 1 min read

समय बढ़ा बलवान

समय बढ़ा बलवान है भैया
जो न इसके साथ चले
वह मनुष्य फिर उसी समय को
पछताए और याद करे
समय की गाड़ी चलती जाती है
उम्र निकलती जाती है
करना अपना काम समय पर
राहें सरल बनाती है
थमता नहीं समय का पहिया
जीवन है 2 दिन का भैया
कब सांसो की डोरी टूटे
करना है जो कर लो भैया
जाने कब वह दिन आ जाए
जब हो जाए चला चलैया
समय के साथ जो चलते
भटकते न राहों में
ठोकरों से भी समझ जाते
भटकते न अंधेरों में
समय बड़ा वरदान है भैया
समय एक अभिशाप
सदुपयोग वरदान हैं
व्यर्थ गया अभिशाप
जिसको जैसा चाहिए निर्णय लेना आप

Language: Hindi
11 Likes · 7 Comments · 310 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all
You may also like:
..
..
*प्रणय*
"बुलबुला"
Dr. Kishan tandon kranti
सुख ,सौभाग्य और समृद्धि का पावन त्योहार
सुख ,सौभाग्य और समृद्धि का पावन त्योहार
Seema gupta,Alwar
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
आपके प्रत्युत्तर में ही आपकी प्रतिभा छुपी है !बेतुकी प्रतिक्
DrLakshman Jha Parimal
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
सूर्य अराधना और षष्ठी छठ पर्व के समापन पर प्रकृति रानी यह सं
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कभी  विवादों में यूँ रहकर देखा।
कभी विवादों में यूँ रहकर देखा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
आपकी बुद्धिमत्ता को कभी भी एक बार में नहीं आंका जा सकता क्यो
Rj Anand Prajapati
सम्मान सी दुनिया में कोई चीज नहीं है,
सम्मान सी दुनिया में कोई चीज नहीं है,
Anamika Tiwari 'annpurna '
सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है
सिर्फ इंसान होना ही काफी नहीं है
Ranjeet kumar patre
शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
शोभा वरनि न जाए, अयोध्या धाम की
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
My luck is like sand
My luck is like sand
VINOD CHAUHAN
लोगों के रिश्मतों में अक्सर
लोगों के रिश्मतों में अक्सर "मतलब" का वजन बहुत ज्यादा होता
Jogendar singh
गजल
गजल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
ओ! महानगर
ओ! महानगर
Punam Pande
*हुस्न से विदाई*
*हुस्न से विदाई*
Dushyant Kumar
ये साथ चलने के लिए निकले थे लोग कितने।
ये साथ चलने के लिए निकले थे लोग कितने।
Phool gufran
लेकिन क्यों ?
लेकिन क्यों ?
Dinesh Kumar Gangwar
4102.💐 *पूर्णिका* 💐
4102.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
संबंध की एक गरिमा होती है अगर आपके कारण किसी को परेशानी हो र
Ashwini sharma
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
स्वाभिमान की बात कर रहा,
स्वाभिमान की बात कर रहा,
Sanjay ' शून्य'
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
हर ज़ुबां पर यही ख़बर क्यों है
Dr Archana Gupta
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
*ऐसा हमेशा कृष्ण जैसा, मित्र होना चाहिए (मुक्तक)*
Ravi Prakash
कितने ही रास्तों से
कितने ही रास्तों से
Chitra Bisht
मुझको तो घर जाना है
मुझको तो घर जाना है
Karuna Goswami
"" मामेकं शरणं व्रज ""
सुनीलानंद महंत
जन-जन प्रेरक बापू नाम
जन-जन प्रेरक बापू नाम
Pratibha Pandey
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
बुंदेली हास्य मुकरियां -राना लिधौरी
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
छवि के लिए जन्मदिन की कविता
छवि के लिए जन्मदिन की कविता
पूर्वार्थ
मीडिया, सोशल मीडिया से दूरी
मीडिया, सोशल मीडिया से दूरी
Sonam Puneet Dubey
Loading...