समय बढ़ा बलवान
समय बढ़ा बलवान है भैया
जो न इसके साथ चले
वह मनुष्य फिर उसी समय को
पछताए और याद करे
समय की गाड़ी चलती जाती है
उम्र निकलती जाती है
करना अपना काम समय पर
राहें सरल बनाती है
थमता नहीं समय का पहिया
जीवन है 2 दिन का भैया
कब सांसो की डोरी टूटे
करना है जो कर लो भैया
जाने कब वह दिन आ जाए
जब हो जाए चला चलैया
समय के साथ जो चलते
भटकते न राहों में
ठोकरों से भी समझ जाते
भटकते न अंधेरों में
समय बड़ा वरदान है भैया
समय एक अभिशाप
सदुपयोग वरदान हैं
व्यर्थ गया अभिशाप
जिसको जैसा चाहिए निर्णय लेना आप