समय चलता जाए
समय अपनी गति से बढ़ता जाता है, हमारा बचपन कब चला गया पता ही नही चला । जब बच्चे थे तो बड़े होने की बड़ी जल्दी रहती थी, किंतु आज बड़े हो गए तो फिर से बचपन मे जीना चाहते है । समय कभी थमता नही, कभी रुकता नही वो तो अनादिकाल से अपनी ही गति से चलता जा रहा है। हम सब धीरे धीरे समय के गर्त में समाते जा रहे है, समय के इस गर्त से आज तक कोई नही बच पाया है । हम अपनी नजर मे बच्चे ही लगते है, जिस प्रकार माँ के लिए उसका पुत्र कितना ही बड़ा क्यों न हो जाये किंतु वह उसका चिंता एक बालक की तरह ही करती है । समय की गति में पता ही नही चलता है कि कब समय समाप्त हो गया, इसलिए क्यो नही हर एक पल को खुश होकर जिया जाए। आज कल जब हम किसी सेलेब्रिटी को इस लोक से गमन करते हुए देखते है तब मन मे लगता कि इसके पास तो किसी भी चीज की कमी नही थी फिर भी वह समय को नही रोक पाया, उसी समय मे वह समा गया । परिस्थितियां एक समान नही रहती है, हमेशा बदलती रहती है । आज का राजा कल का रंक और आज का रंक कल का राजा हो सकता है । पूर्ण कोई नही है । एक समय लगता था कि 82% परीक्षा में लाना बहुत गर्व की बात है किंतु आज के दौर में आम बात हो गई है । अब तो बच्चे 100% लाने की कोशिश कर रहे और ला रहे है । समय बदलता है । भाग्य भी बदलते है ।