समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
समय को समय देकर तो देखो, एक दिन सवालों के जवाब ये लाएगा,
दीये विश्वास के जला कर तो देखो, मन के अंधेरों को ये मिटायेगा।
बादल घनेरे छायेंगे जरूर, तूफां भी ये लाएंगे जरूर,
सब्र का साथ निभा कर तो देखो, एक दिन इंद्रधनुष से आसमां ये सजायेगा।
मुश्किल भरे मोड़ आएंगे जरूर, कदम ठोकरों से टकराएंगे जरूर,
हिम्मत उठने की जुटा कर तो देखो, एक दिन क़दमों को ये दौड़ जीतायेगा।
बवंडर समंदर में आएंगे जरूर, कश्ती को हमारी डगमगायेंगे जरूर,
पतवारों को लहरों से मिलाकर तो देखो, एक दिन किनारों की सूरत ये दिखायेगा।
उपेक्षाओं के तीर आएंगे जरूर, घाव गहरे दे जाएंगे जरूर,
कर्म से रिश्ता निभाकर तो देखो, एक दिन सफलता का परचम ये लहराएगा।
मौषम पतझड़ों के छाएंगे जरूर, फूलों को ये चुरायेंगे जरूर,
खूबसूरती नज़रों में बसा कर तो देखो, एक दिन पत्तों से सजा गलीचा ये लुभाएगा।
इम्तिहानों के सिलसिले आएंगे जरूर, हार का स्वाद भी चखाएंगे जरूर,
ऐनक नजरिये का उल्टा कर तो देखो, एक दिन अनुभव हीं ये बेहतर तुझे बनाएगा।