समय के साथ
जो समय के साथ थे ,
आगे बढ़े ।
उन्नति की सीढ़ियां ,
वो ही चढ़े ।।
जो प्रतीक्षा समय की ,
करते रहे ।
वो समय के साथ ही ,
मरते रहे ।।
जो घरोंदे में सिमट ,
सोते रहे ।
रोटियों को ता उमर ,
रोते रहे ।।
जिन्होंने पाषाण से ,
पर्वत गढ़े ।
उन्होंने न ग्रंथ थे ,
कोई पढ़े ।।
जो समय के साथ थे ,
आगे बढ़े ।
उन्नति की सीढ़ियां ,
वो ही चढ़े ।।