** समय अपना कीमती”” बीत रहे पल!!
राम कृष्ण के मेरे देश में, रामायण गीता कौन पड़े।
आधुनिकता के नए खिलौने, सब उसी के पीछे दौड़ पड़े।
उठने से लेकर सोने तक, मोबाइल ऐप ऐसे भा गए।
ले ओरो नाम क्यों, गीत कविता इसी में लिखे पढ़े।
खेर ,हम तो सृजन से, समाज में परिवर्तन लाना चाह रहे हैं।
पर तरुण युवा ,अपना कीमती समय इसमें क्यों गवा रहे हैं।
वैसे ज्ञान इसमें भी दुनिया का है,
पर किसी किसी के ही ,कदम उस और बड़े।।
हर मन में बात, अगर यह बैठ जाए।
बीत रहे पल फिर, लौट के कब आए।
सुकर्म हाथ में लेकर ,जीवन सफल बनाएं।
हमारे मस्तिष्क पटल पर तो, दिन रात यही विचार जड़े हैं।।
युग बदलता है ,यह हम मानते हैं।
जैसा चल रहा उसके पीछे, बिना सोचे चले जाएं,
इसे सही नहीं मानते हैं।
तो आओ,
अनुनय पुकारे आप सभी को,
हमारी संस्कृति ने जो हमको दिया।
मिल बैठकर पढ़ते और समझते हैं ।।
“”” राजेश व्यास अनुनय “””