समझ लो तो होली
यत्र तत्र ,सर्वत्र,
शब्द,भाषा,रूप अलग,
एक सुर में गूँज रहा,
प्रकॄति का संगीत अलग,
कण कण सौन्दर्य पूर्ण,
जन. जन उल्लास अलग,
स्वस्थ्य तन का सूत्र एक,
मन के समीकरण अलग,
आकाशगंगाओं में रंगो
का मेल एक___
धरती की उष्मा का
बूदं बूदं क्षेत्र अलग,
श्वेत में है सात रंग,
सप्त रंग श्वेत ही हैं,
समझ लो तो होली है,
वरना खाली झोली हैं|