समझ ना आया
***समझ ना आया***
इस दुनियाँ में , कौन है अपना, कौन पराया
बीती उमरिया लेकिन यह सत् समझ ना आया
इस दुनियां———————— ।
कहती है – दुनियां इश्क खुदा है, इश्क है पूजा
लेकिन मुझको इश्क ने लूटा ,इश्क ने जीवन जहर बनाया
इस दुनियाँ———————– ।।
धोखा है यह सारी दुनियां
इससे तो अच्छा है अपना साया
जो सुख दुख में साथ है रहता
चाहे किसी वो ना काम हो आया
इस दुनियां——————–।।।
दिल कहता है मेरी भी सुन लो
वक्त पड़े तो अजमा लेना
कोई नही है यहां किसी का
बस राम ने ही सबका है साथ निभाया ।।
*** दिनेश कुमार गंगवार ***