समंदर ज़िन्दगी का
समंदर ज़िन्दगी का
* गीतिका *
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प्यार है उपहार सुन्दर ज़िन्दगी का।
खूब लें आनन्द जीभर ज़िन्दगी का।
डूब जाएं स्नेह की गहराइयों में,
छलछलाता इक समंदर ज़िन्दगी का।
रोज जीभर मुस्कुराते हम जिएंगे,
हर दिवस हो ज्यों शुभंकर ज़िन्दगी का।
वादियां सुन्दर लुभाती हैं सभी को,
बह चला मन स्वच्छ निर्झर ज़िन्दगी का।
सिर्फ हम महसूस कर लें धड़कनों को,
छोड़ पढ़ना व्यर्थ आखर ज़िन्दगी का।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, १४/०५/२०१९