*सभी ने सत्य यह माना, सभी को एक दिन जाना ((हिंदी गजल/ गीतिका
सभी ने सत्य यह माना, सभी को एक दिन जाना ((हिंदी गजल/ गीतिका)
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1
सभी ने सत्य यह माना, सभी को एक दिन जाना
सभी की मृत्यु का कारण, पुराना जाना-पहचाना
2
ये चिंताऍं हमेशा ही, रहेंगी रात-दिन लेकिन
इन्हीं के साथ में रहकर, तुम्हें है रोज मुस्काना
3
ठहर जाओ जरा कुछ देर, माँ यमराज से बोली
मेरा बच्चा बहुत भूखा, बनाने दो मुझे खाना
4
मिले हैं जिंदगी के सिर्फ, दिन बस चार ही साहिब
इसी में हर हुनर अपना, हमें सबको है दिखलाना
5
क्षितिज के पार से संदेश, जाने कैसा आया है
अलौकिक एक खुशबू है, अजब-सा दिल है मस्ताना
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा,रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 99976 15451