“सभी के काम तुम आओ”
डॉ लक्ष्मण झा परिमल
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बहुत छोटा सा है जीवन कोई तुम काम कर डालो !
रहो तुम साथ ही सबके सभी के काम तुम आओ !!
बने तुम दोस्त जिनके भी ,
सदा तुम साथ ही रहना !
ख्यालों में कभी उनसे ,
नहीं तकरार तुम करना !!
बहुत छोटा सा है जीवन कोई तुम काम कर डालो ,
रहो तुम साथ ही सबके सभी के काम तुम आओ !!
कभी खुलकर वो पुछे तो ,
उसे खुलकर बताना तुम !
नज़र अंदाज़ भूले से ,
कभी भूले न करना तुम !!
बहुत छोटा सा है जीवन कोई तुम काम कर डालो !
रहो तुम साथ ही सबके सभी के काम तुम आओ !!
कभी भी व्यस्तता कहकर ,
उसे निराश ना करना !
समय कुछ देर लग जाए ,
उसे असंतुष्ट ना करना !!
बहुत छोटा सा है जीवन कोई तुम काम कर डालो !
रहो तुम साथ ही सबके सभी के काम तुम आओ !!
समय सबको बराबर ही ,
मिला करता है जीवन में !
करेंगे काम सब पूरा ,
खिलेंगे फूल आँगन में !!
बहुत छोटा सा है जीवन कोई तुम काम कर डालो !
रहो तुम साथ ही सबके सभी के काम तुम आओ !!
सफल जीवन में जब होंगे ,
अगर साथी मिले प्यारा !
रहे मंज़िल अगर धूमिल ,
सफर कट जाएगा न्यारा !!
बहुत छोटा सा है जीवन कोई तुम काम कर डालो !
रहो तुम साथ ही सबके सभी के काम तुम आओ !!
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डॉ लक्ष्मण झा परिमल
साउंड हैल्थ क्लीनिक
एस 0 पी 0 कॉलेज रोड
दुमका ,झारखंड
भारत
13.04.2024