सब कुछ
सब कुछ
क्या चाहिए ज़िंदगी में और
खुशियों के आलावा ?
कह सके परिवार जिसे
अगर वो भी मिल जाए
क्या बाकि है जीवन में
जब हर आस पूरी हो जाए
सब कुछ है हाथ में मेरे
तो किसकी मिन्नते लगाऊँ ….
ईश्वर का धन्यवाद करूँ
या बेमतलब आस लगाऊँ….
सब कुछ
क्या चाहिए ज़िंदगी में और
खुशियों के आलावा ?
कह सके परिवार जिसे
अगर वो भी मिल जाए
क्या बाकि है जीवन में
जब हर आस पूरी हो जाए
सब कुछ है हाथ में मेरे
तो किसकी मिन्नते लगाऊँ ….
ईश्वर का धन्यवाद करूँ
या बेमतलब आस लगाऊँ….